( चंगेज खान इतिहास ) -हिन्दी ( HIstory of geghis khan in hindi )
चंगेज खान -
चंगेज खान का जन्म 1162 में आधुनिक मंगोलियाँ के उत्तरी भाग में ओनेन नदी के पास हुआ था |
65 वर्ष की उम्र में 1227 में उसकी मोत हो गई ।
चंगेज खान के जन्म का नाम तिमुचिन था, जो उनके पिता येसूगेई द्वारा हारे गए एक शक्तिशाली सरदार का नाम था। जब तिमुचिन केवल 9 वर्ष का था, तो येसूगेई ने उसके लिए, बोर्ते, ( जो तिमुचिन की भविष्य पत्नी थी ) के साथ रहने की व्यवस्था की। वह एक पड़ोसी सरदार की बेटी थी।
उसके पिता येसूगेई को तर्तारो द्वारा जहर देकर मरवा दिया था , जिससे तिमुचिन को घर लौटने पर मजबूर होना पड़ा। वह अपनी माँ और भाइयों के साथ कई वर्षों तक दल के बाहर रहने के लिए मजबूर था। 10 साल की उम्र में, उसने शिकार लूटने की लड़ाई में अपने एक सौतेले भाई को मार डाला। जवान होने पर उसके कई और जनजातियों को इकट्ठा किया और तर्तारो को मार कर अपने पिता की मौत का बदला लिया |
15 साल की उम्र में, उसे एक पड़ोसी मंगोल जनजाति ने गुलाम बना लिया था, लेकिन एक गार्ड की मदद से बच गया। 16 साल की उम्र में, उन्होंने बोर्ते से शादी की और अपने मंगोल जनजाति के साथ गठबंधन किया। परंपरा के अनुसार, उन्होंने अपने जीवन के दौरान कई अन्य पत्नियों को लिया, लेकिन बोर्ते उनकी एकमात्र महारानी थीं।
जब बोर्ते का मर्किट्स ने अपहरण कर लिया था, तो तिमुचिन ने उसे केराट जनजाति (जो उसके पिता के साथ संबद्ध थे) और एक अन्य मंगोल जनजाति की मदद से कई सारी लड़ाई लड़ कर उसे बचाया। बोर्ते को पकड़ने के आठ महीने बाद, उसने अपने पहले बेटे, जोची को जन्म दिया।
तिमुचिन का 1206 के आसपास एकजुट मंगोलियाई जनजातियों पर शासक था तब वह `खान` बन गया और उन्होंने चंगेज नाम अपनाया | चंगेज नाम संभवत: जेंग्गी शब्द से आया है, जिसका अर्थ है 'सही, न्यायसंगत, और सच', हालांकि यह टेंग्जीस शब्द से भी आ सकता है, जिसका अर्थ है 'महासागर' और 'व्यापक-प्रसार'।
खान के कुल चार बेटे थे: जोची, छगाताई, ओगेडेई और तोलुई। उसने अपने उत्तराधिकारी के रूप में अपने बेटे, ओगेडेई खान को सौंपा, क्योंकि का ओगेडेई चंगेज के अन्य बेटों के साथ कोई झगड़ा नहीं था।
खान ने मंगोल साम्राज्य की स्थापना की जब उसने मंगोल मैदानों पर कब्जा करने वाली जनजातियों को एकजुट किया। ये मैदान मध्य एशिया में चीन और रूस के बीच स्थित हैं। मंगोल साम्राज्य इतिहास में महासागर से लगा हुआ सबसे बड़ा साम्राज्य बन गया था, जो प्रशांत महासागर से पूर्वी यूरोप तक फैला था।
चंगेज खान के हुक्म पर, उसे मंगोलिया में एक अनजान जगह पर एक अज्ञात कब्र में दफनाया गया था। उस जगह को छुपाने के लिए, उसके अंतिम संस्कार के रक्षा दल ने उनके रास्ते में आने वाले सभी को मार डाला। खान ने अनुरोध किया कि एक नदी को उसकी कब्र पर मोड़ दिया जाए ताकि वह कभी परेशान न हो। इसके बाद प्राचीन नेताओं जैसे गिलगमेश और अत्तिला द हुन के लिए दफनाने की प्रथा का पालन किया गया।
आधुनिक समय के साथ-साथ मंगोलिया, खान के साम्राज्य में चीन, कोरिया, पाकिस्तान, ईरान, इराक, तुर्की, अफगानिस्तान, मोल्दोवा, कजाखस्तान, आर्मेनिया, जॉर्जिया, तुर्कमेनिस्तान, कुवैत, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान और रूस के कुछ हिस्से भी शामिल थे। चंगेज खान का मानना था कि एक आदमी की ताकत को उसके द्वारा छोड़े गए बच्चों द्वारा परिभाषित किया जाता है। उनके हरम में हजारों महिलाएं थीं और उनमें से कई बच्चों के साथ पिता भी थे। एशिया के लगभग 8% पुरुष उसके वंशज हैं। यह मंगोल वंश पुरुषों के लिए जाना जाता है |
जोसेफ स्टालिन और एडोल्फ हिटलर ने जितने लोगो का मरवाया उससे कई अधिक चंगेज खान की सेना ने मारा थे | उनके सेना आंदोलनों में कभी-कभी पूरी नागरिक आबादी को खत्म करना शामिल था। उसके शासन में 40 मिलियन लोग मारे गए थे।
चंगेज खान जहां भी गया वहां उसने तबाही का ऐसा मंज़र खड़ा किया कि बाद के राजा उसके ख़िलाफ़ सिर नहीं उठा सकते थे. वह ख़ानाबदोश ज़िन्दगी का रहनुमा था. उसे शहरों और उनकी जिंदगी से कोई लगाव न था. इसलिए उसने शहर के शहर तबाह कर डाले.
ओर्त्रार के गवर्नर की आंखों में उसने सीसा और चांदी पिघला कर डलवा दी थी. माइक एडवर्ड्स सीक्रेट ऑफ़ मंगोल लाइफ के हवाले से लिखते हैं कि चंगेज ने एक बार खुद कहा था, ‘आदमी का सबसे बड़ा सौभाग्य है दुश्मन का पीछा करना, उसे हरा देना, उसकी संपत्ति पर कब्ज़ा कर लेना, उसकी औरतों को रोते हुए छोड़ देना और फिर औरतों के जिस्म का...’ कुछ मुसलमान इतिहासकार मानते हैं कि चंगेज की सेना ने निशापुर में कुत्ते और बिल्लियों तक को मरवा डाला था. चंगेज खान के बारे में कहा जाता है कि वह कुत्तों से बहुत डरता था.
1219 की गर्मियों में एक एेतिहासिक जंग लड़ी गयी. रॉबर्ट ग्रीन ने अपनी किताब ‘जंग की तैंतीस रणनीतियां’ में इस जंग का बड़ी तफसील से बयान किया है कि कैसे चंगेज ने रणनीति के तहत पहले एक जंग शाह से हारी. ख्वारिज्म के पूर्वी हिस्से में हुई जीत के शाह को अपनी 40 हज़ार की सेना पर यकीन हो गया. बस यही चंगेज चाहता था. शाह को उसके पलटकर फिर पूर्व में ही आने की उम्मीद थी.
इस बार चंगेज ने उत्तर की तरफ से हमला बोलकर ओर्तार के उसी गवर्नर को मार दिया जिसे वह अपने हवाले चाह रहा था. बाद में हुई लड़ाई में चंगेज खान शाह को हैरत में डालते हुए समरकंद के पश्चिम में बुखारा के किले के सामने आ गया. शाह को कतई उम्मीद नहीं थी कि ऐसा करने में वह बीच में पड़ने वाले किज़िल कुम रेगिस्तान को पार कर लेगा.
बुखारा तहस-नहस कर डाला गया. साथ में बल्ख, निशापुर, हेरात और समरकंद बर्बाद की ऐसी दास्तां के निशान बन गए कि यहां के इतिहासकारों ने चंगेज खान को ‘शैतान की औलाद’ तक कह डाला.और उसने कई मुलिमो को को मारा था लगभग पुरे मुस्लिम साम्राज्य को ख़त्म कर दिया था |
उनकी मृत्यु के बारे में एक बात यह भी है कि उन्हें उनके घोड़े से फेंक दिया गया था और उनकी चोटों से मृत्यु हो गई थी। एक अन्य सिद्धांत का दावा है कि वह निमोनिया से मर गया और एक और सुझाव है कि वह चाइन के साथ अपनी अंतिम लड़ाई में मारा गया था| कुछ इस प्रकार का इतिहास था चंगेज खान का जिसने कई ओरतो के साथ संबंद बनाये थे और जिसने मुस्लिम साम्राज्य को लगभग ख़त्म कर दिया |
चंगेज खान का जन्म 1162 में आधुनिक मंगोलियाँ के उत्तरी भाग में ओनेन नदी के पास हुआ था |
65 वर्ष की उम्र में 1227 में उसकी मोत हो गई ।
चंगेज खान के जन्म का नाम तिमुचिन था, जो उनके पिता येसूगेई द्वारा हारे गए एक शक्तिशाली सरदार का नाम था। जब तिमुचिन केवल 9 वर्ष का था, तो येसूगेई ने उसके लिए, बोर्ते, ( जो तिमुचिन की भविष्य पत्नी थी ) के साथ रहने की व्यवस्था की। वह एक पड़ोसी सरदार की बेटी थी।
उसके पिता येसूगेई को तर्तारो द्वारा जहर देकर मरवा दिया था , जिससे तिमुचिन को घर लौटने पर मजबूर होना पड़ा। वह अपनी माँ और भाइयों के साथ कई वर्षों तक दल के बाहर रहने के लिए मजबूर था। 10 साल की उम्र में, उसने शिकार लूटने की लड़ाई में अपने एक सौतेले भाई को मार डाला। जवान होने पर उसके कई और जनजातियों को इकट्ठा किया और तर्तारो को मार कर अपने पिता की मौत का बदला लिया |
15 साल की उम्र में, उसे एक पड़ोसी मंगोल जनजाति ने गुलाम बना लिया था, लेकिन एक गार्ड की मदद से बच गया। 16 साल की उम्र में, उन्होंने बोर्ते से शादी की और अपने मंगोल जनजाति के साथ गठबंधन किया। परंपरा के अनुसार, उन्होंने अपने जीवन के दौरान कई अन्य पत्नियों को लिया, लेकिन बोर्ते उनकी एकमात्र महारानी थीं।
जब बोर्ते का मर्किट्स ने अपहरण कर लिया था, तो तिमुचिन ने उसे केराट जनजाति (जो उसके पिता के साथ संबद्ध थे) और एक अन्य मंगोल जनजाति की मदद से कई सारी लड़ाई लड़ कर उसे बचाया। बोर्ते को पकड़ने के आठ महीने बाद, उसने अपने पहले बेटे, जोची को जन्म दिया।
तिमुचिन का 1206 के आसपास एकजुट मंगोलियाई जनजातियों पर शासक था तब वह `खान` बन गया और उन्होंने चंगेज नाम अपनाया | चंगेज नाम संभवत: जेंग्गी शब्द से आया है, जिसका अर्थ है 'सही, न्यायसंगत, और सच', हालांकि यह टेंग्जीस शब्द से भी आ सकता है, जिसका अर्थ है 'महासागर' और 'व्यापक-प्रसार'।
खान के कुल चार बेटे थे: जोची, छगाताई, ओगेडेई और तोलुई। उसने अपने उत्तराधिकारी के रूप में अपने बेटे, ओगेडेई खान को सौंपा, क्योंकि का ओगेडेई चंगेज के अन्य बेटों के साथ कोई झगड़ा नहीं था।
चंगेज खान के हुक्म पर, उसे मंगोलिया में एक अनजान जगह पर एक अज्ञात कब्र में दफनाया गया था। उस जगह को छुपाने के लिए, उसके अंतिम संस्कार के रक्षा दल ने उनके रास्ते में आने वाले सभी को मार डाला। खान ने अनुरोध किया कि एक नदी को उसकी कब्र पर मोड़ दिया जाए ताकि वह कभी परेशान न हो। इसके बाद प्राचीन नेताओं जैसे गिलगमेश और अत्तिला द हुन के लिए दफनाने की प्रथा का पालन किया गया।
आधुनिक समय के साथ-साथ मंगोलिया, खान के साम्राज्य में चीन, कोरिया, पाकिस्तान, ईरान, इराक, तुर्की, अफगानिस्तान, मोल्दोवा, कजाखस्तान, आर्मेनिया, जॉर्जिया, तुर्कमेनिस्तान, कुवैत, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान और रूस के कुछ हिस्से भी शामिल थे। चंगेज खान का मानना था कि एक आदमी की ताकत को उसके द्वारा छोड़े गए बच्चों द्वारा परिभाषित किया जाता है। उनके हरम में हजारों महिलाएं थीं और उनमें से कई बच्चों के साथ पिता भी थे। एशिया के लगभग 8% पुरुष उसके वंशज हैं। यह मंगोल वंश पुरुषों के लिए जाना जाता है |
जोसेफ स्टालिन और एडोल्फ हिटलर ने जितने लोगो का मरवाया उससे कई अधिक चंगेज खान की सेना ने मारा थे | उनके सेना आंदोलनों में कभी-कभी पूरी नागरिक आबादी को खत्म करना शामिल था। उसके शासन में 40 मिलियन लोग मारे गए थे।
चंगेज खान जहां भी गया वहां उसने तबाही का ऐसा मंज़र खड़ा किया कि बाद के राजा उसके ख़िलाफ़ सिर नहीं उठा सकते थे. वह ख़ानाबदोश ज़िन्दगी का रहनुमा था. उसे शहरों और उनकी जिंदगी से कोई लगाव न था. इसलिए उसने शहर के शहर तबाह कर डाले.
ओर्त्रार के गवर्नर की आंखों में उसने सीसा और चांदी पिघला कर डलवा दी थी. माइक एडवर्ड्स सीक्रेट ऑफ़ मंगोल लाइफ के हवाले से लिखते हैं कि चंगेज ने एक बार खुद कहा था, ‘आदमी का सबसे बड़ा सौभाग्य है दुश्मन का पीछा करना, उसे हरा देना, उसकी संपत्ति पर कब्ज़ा कर लेना, उसकी औरतों को रोते हुए छोड़ देना और फिर औरतों के जिस्म का...’ कुछ मुसलमान इतिहासकार मानते हैं कि चंगेज की सेना ने निशापुर में कुत्ते और बिल्लियों तक को मरवा डाला था. चंगेज खान के बारे में कहा जाता है कि वह कुत्तों से बहुत डरता था.
1219 की गर्मियों में एक एेतिहासिक जंग लड़ी गयी. रॉबर्ट ग्रीन ने अपनी किताब ‘जंग की तैंतीस रणनीतियां’ में इस जंग का बड़ी तफसील से बयान किया है कि कैसे चंगेज ने रणनीति के तहत पहले एक जंग शाह से हारी. ख्वारिज्म के पूर्वी हिस्से में हुई जीत के शाह को अपनी 40 हज़ार की सेना पर यकीन हो गया. बस यही चंगेज चाहता था. शाह को उसके पलटकर फिर पूर्व में ही आने की उम्मीद थी.
इस बार चंगेज ने उत्तर की तरफ से हमला बोलकर ओर्तार के उसी गवर्नर को मार दिया जिसे वह अपने हवाले चाह रहा था. बाद में हुई लड़ाई में चंगेज खान शाह को हैरत में डालते हुए समरकंद के पश्चिम में बुखारा के किले के सामने आ गया. शाह को कतई उम्मीद नहीं थी कि ऐसा करने में वह बीच में पड़ने वाले किज़िल कुम रेगिस्तान को पार कर लेगा.
बुखारा तहस-नहस कर डाला गया. साथ में बल्ख, निशापुर, हेरात और समरकंद बर्बाद की ऐसी दास्तां के निशान बन गए कि यहां के इतिहासकारों ने चंगेज खान को ‘शैतान की औलाद’ तक कह डाला.और उसने कई मुलिमो को को मारा था लगभग पुरे मुस्लिम साम्राज्य को ख़त्म कर दिया था |
चंगेज खान की 1227 में मृत्यु हो गई। वैसे तो चंगेज खान की मौत कैसे हुई इसकी कोई पक्की जानकारी नहीं है पर ,खबर के अनुसार, एक चीनी राजकुमारी ने उसे एक गुप्त खंजर से काट दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। ऐसा उसने इसलिए किया क्यों की खान ने उसके पुरे परिवार को मार डाला था और इस चीनी राजकुमारी का बलात्कार किया था |
THANK YOU .
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