Bhangarh Fort- ( एक भूतिया किला )

 BHANGARH
             पुराने किले जहाँ पर किसी की मौत हुई हो और उनका साया भटकता रहता हो ऐसी जगहों पर इंसान डर  पर काबू नहीं कर पाता है | दुनियां भर में ऐसे बहुत सारे किले हे जिनकी अलग कहानी हे जिन पर विश्वास कर पाना मुमकिन नहीं है| ऐसे ही किले के बारे में आज हम आपको बताएंगे |
       भारत का एक ऐसा किला जो दिन में तो पर्यटन स्थल रहता हे लेकिन सूरज के ढलते ही वहां पर आत्माओ का कब्ज़ा हो जाता है | राजस्थान के जयपुर शहर से कुछ किलोमीटर दूर स्तिथ इस किले को भानगढ़ किले के नाम से जाना जाता है |

भानगढ़ का अतीत -
                भानगढ़ किला 17 वीं शताब्दी में मान सिंह के छोटे भाई राजा माधो  ने बनवाया था | उस समय राजा माधो सिंह अकबर की सेना के जनरल थे | भानगढ़ की जनसँख्या उस समय तक़रीबन 10,000 के लगभग थी | इस किले को बहुत ही विशाल आकर में तैयार किया गया था जौ चारों तरफ से पहाड़ो से घिरा हुआ है |
    इस किले में बेहतरीन कारीगरी की गई है , इस किले के निर्माण में मजबूत पत्थरो का प्रयोग किया गया हे जो अब तक वैसे के वैसे है |  किले में पाँच दरवाजे हे जिनमे एक मुख्य दरवाजा  है | साथ ही इस किले में भगवान शिव, हनुमान, आदि के मंदिर भी है |
BHANGARH FORT

कैसे बना भानगढ़ किला भूतिया 
       यह किला देखने में जीतना शानदार हे उतना ही भयानक इसका अतीत है | एक प्रसिद्ध कहानी के अनुसार भानगढ़ की एक राजकुमारी थी जिनका नाम रत्नावती था जो देखने में बेहद खूबसूरत थी , उनकी खूबसूरती  के इतने चर्चे थे की देश के कोने कोने के राजकुमार उनसे  विवाह करना चाहते थे |
      राजकुमारी 18 वर्ष की थी | कई राज्यों से उनके लिए विवाह के प्रस्ताव आ रहे थे | एक दिन वह अपनी सहलियों के साथ बाजार गई थी | वह एक इत्र की दुकान पर पहुंची और उन इत्र को हाथ में लेकर उनकी खुसबू ले रही उसी समय दुकान से कुछ ही दुरी पर से एक आदमी उन्हें गौर से देख रहा था | जिसका नाम सिघियां था और वह काले जादू में महारथी था |
          ऐसा कहा जाता हे की वह राजकुमारी के रूप का दीवाना था और उनसे प्रेम करता था | वह किसी भी तरह से राजकुमारी को हासिल करना चाहता था | इसीलिए उसने राजकुमारी की इत्र की बोतल पर काला  जादू कर दिया था ताकि वह उसे अपने वश में कर सके |

Rajkumari Ratnavati

राजकुमारी के साथ क्या हुआ 
            सिघियां ने राजकुमारी के इत्र के ऊपर जादू किया था यह बात सैनिको को पता चल गई थी उन्होंने राजकुमारी को सारी बात बताई | राजकमारी ने इत्र की बोतल को कमरे से बाहर फेक दिया  , जो एक बड़े पत्थर से  टकराकर टूट गई और सारा इत्र पत्थर पर लग गया इसके बाद वह पत्थर फिसलता हुआ उस काले जादूगर के ऊपर जा गिरा और उसकी मौत हो गई | मरते समय उसने श्राप दिया की इस किले में रहने वाले सभी लोग जल्द ही मर जायेंगे और उनकी आत्माऐं इसी किले में भटकती रहेगी |
        लगभग एक साल बाद भानगढ़ और अजबगढ़ के बीच लड़ाई हुई जिसमे किले में रहने वाले सभी लोग मारे गए | यहां तक की  रत्नावती की भी मौत हो गई | काले जादूगर के श्राप से आज भी उनकी आत्माएँ उस किले में भटकती है |
  यहाँ तक की भारत सरकार ने भी इसे भूतिया किला घोषित करा है |  किले के आस पास रहने वाले लोगो  ने बताया की उन्होंने तलवारों की टकरार और लोगो  की चीखो को महसूस किया है | किले के अंदर से महिलाओ के रोने या चूड़ियों के खनकने की भी आवाजे साफ सुनी जा सकती है |
  किले के पिछले हिस्से में एक छोटा सा दरवाजा हे उस दरवाजे के पास बहुत ही अँधेरा रहता है वहां पर ऐसा महसूस होता है की जैसे कोई आपस में बात कर रहा हो  | रात के समय किले से इत्र की खुशबू भी आती है

Inside Bhangarh fort
   THANKS
I HOPE YOU LIKE THIS ARTICLE.

Comments